Reliance Jio, Airtel और Vodafone Idea ने हाल ही में अपने प्रीपेड टैरिफ में 25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की है। निजी दूरसंचार कंपनियों के फैसले के बाद, ग्राहकों में आक्रोश है, और वह सोशल नेटवर्क पर भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) का समर्थन कर रहे हैं।
इसी बीच बीएसएनएल ने एक बड़ा ऐलान किया है जिससे उसके ग्राहकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। बीएसएनएल का कहना है कि वह सितंबर 2022 में देश भर में 4जी लॉन्च करेगी। बीएसएनएल ने संसद में ऐसा कहा।
बीएसएनएल 4जी निजी कंपनियों के लिए चुनौती हो सकती है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, दूरसंचार राज्य मंत्री ने बीएसएनएल की 4जी की पहुंच से संबंधित एक सवाल के जवाब में कहा कि बीएसएनएल ने सितंबर 2022 को 4जी सेवाओं के लिए लॉन्च की तारीख के रूप में निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि 4जी सेवा के देशव्यापी लॉन्च से पहले बीएसएनएल को पहले वर्ष में लगभग 900 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा।
कुछ समय पहले, बीएसएनएल को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससीएस) सचिवालय से 4जी अपग्रेड करने की मंजूरी मिली, लेकिन 4जी के लिए नोकिया पुर्जों को सरकार ने खतरनाक बताकर खारिज कर दिया। सरकार चाहती है कि बीएसएनएल मेड इन इंडिया के सभी कंपोनेंट्स का इस्तेमाल करे। इससे कंपनी का यूजर बेस काफी हद तक बढ़ जाएगा।
राज्य की दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल निश्चित रूप से भारत में 4जी सेवा शुरू करने के लिए तैयार है। इसके लिए बीएसएनएल ने टीसीएस (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज) के साथ हाथ मिलाया है। फिलहाल 4जी बीएसएनएल की लॉन्चिंग डेट का ऐलान नहीं किया गया है, कंपनी इसे स्वतंत्रता दिवस 2022 के आसपास भी लॉन्च कर सकती है।
रिपोर्ट के मुताबिक, बीएसएनएल देश भर में 100,000 दूरसंचार टावर लगाएगी, जिनमें से 4,000 अकेले बिहार में लगाए जाएंगे। फिलहाल कंपनी देशभर में सिर्फ 3जी सर्विस मुहैया कराती है। जबकि Reliance Jio, Airtel और Vodafone-Idea ने लंबे समय से 4G सेवाएं प्रदान की हैं और अब 5G का परीक्षण चल रहा है।
बीएसएनएल के कंज्यूमर मोबिलिटी के निदेशक सुशील कुमार मिश्रा ने द टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया: “बीएसएनएल टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के साथ 4 जी सेवाएं शुरू करेगा। यह पहली बार है जब भारतीय तकनीक का इस्तेमाल 4 जी सेवाओं के लिए किया गया है।”
बीएसएनएल के ग्राहकों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। अकेले दिसंबर में कंपनी ने 11 मिलियन नए ग्राहक जोड़े। इसका एक कारण यह भी है कि बीएसएनएल के प्लान निजी दूरसंचार कंपनियों के मुकाबले सस्ते हैं। अब जब 4जी पेश हो गया है तो निजी कंपनियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।