पूर्वी कमान के प्रमुख रहे लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को मोदी सरकार ने देश का अगला सीडीएस नियुक्त किया है. पिछले साल दिसंबर में जनरल बिपिन रावत की शहादत के बाद सीडीएस का पद खाली था। जनरल रावत के स्थान पर अब Retired Lt Gen Anil Chauhan को सेना की यह बड़ी जिम्मेदारी दी गई है।
पिछले साल 8 दिसंबर को सीडीएस बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और सेना के 12 अन्य जवान सुलूर एयरबेस से वेलिंगटन एयरबेस के लिए एक हेलीकॉप्टर में सवार हुए थे। हेलीकॉप्टर अपने गंतव्य पर पहुंचने से कुछ मिनट पहले, सुलूर एयरबेस कंट्रोल रूम का हेलीकॉप्टर से संपर्क टूट गया और विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
दुर्घटना से पहले locals द्वारा कैप्चर किए गए हेलीकॉप्टर के फुटेज से पता चलता है कि हेलीकॉप्टर नीचे उड़ रहा था और बादल छाए हुए थे। हादसे में मरने वाले 13 अन्य लोगों में बिपिन रावत के सुरक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, ले. कर्नल हरजिंदर सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और कैप्टन वरुण सिंह। हादसे के वक्त बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत भी उनके साथ थीं।
बता दें कि 31 मई 2021 को 40 साल के शानदार करियर के बाद सेना की पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान सेवानिवृत्त हो गए। अब देश के नए सीडीएस बनाए गए हैं। वह सीडीएस के साथ-साथ सैन्य मामलों के विभाग में सचिव की जिम्मेदारी संभालेंगे।
अनिल चौहान मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी जिले के रहने वाले हैं। पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में अनिल चौहान के कार्यकाल के दौरान, पूर्वोत्तर क्षेत्र में उग्रवाद में उल्लेखनीय कमी आई, जिसके परिणामस्वरूप कई पूर्वोत्तर राज्यों में सेना की तैनाती में कमी आई। चौहान को आतंकवाद विरोधी अभियानों का व्यापक अनुभव है। उन्होंने सेना में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। वह अंगोला में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में सैन्य पर्यवेक्षक भी रहे हैं।
कई पदकों से नवाजे जा चुके हैं अनिल चौहान
डीजीएमओ के रूप में, वह ऑपरेशन सनराइज के मुख्य वास्तुकार थे, जिसके तहत भारतीय और म्यांमार बलों ने दोनों देशों की सीमाओं के साथ आतंकवादियों के खिलाफ एक समन्वित अभियान चलाया। चौहान बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक की योजना से भी जुड़े थे। इसके साथ ही पूर्वी कमान ने उनके नेतृत्व में भारत-चीन सीमा पर राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने का साहस दिखाया था।
देश की सेवा के लिए समय-समय पर अनिल चौहान को परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, सेना मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल से भी सम्मानित किया जा चुका है। अनिल चौहान को आतंकवाद विरोधी अभियानों में विशेषज्ञता हासिल है। अनिल चौहान एनएसए अजीत डोभाल के सैन्य सलाहकार रह चुके हैं।
रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा कि सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल भारत सरकार के सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के रूप में भी काम करेंगे। 18 मई 1961 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्में लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान देश के नए सीडीएस होंगे। उन्हें 1981 में 11वीं गोरखा राइफल्स में कमीशन दिया गया था।
40 वर्षों के करियर में जमाई धाक
लगभग 40 वर्षों के करियर में, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने कई कमांड, स्टाफ और सहायक नियुक्तियां कीं। उन्हें जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में आतंकवाद रोधी अभियानों का व्यापक अनुभव है। उसे आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में महारत हासिल है।
आईएमए देहरादून और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खडकवासला के पूर्व छात्र, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने मेजर जनरल के पद पर उत्तरी कमान के बारामूला सेक्टर में एक इन्फैंट्री डिवीजन की कमान भी संभाली है। बाद में पूर्वोत्तर में एक कोर की कमान संभाली और फिर सितंबर 2019 से पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ बने। वह 31 मई, 2021 को सेवा से सेवानिवृत्त होने तक इस पद पर बने रहे।
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल से ही मिला देश को दूसरा सीडीएस
देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले थे। देश का यह महत्वपूर्ण पद उनकी एक हवाई दुर्घटना में मृत्यु के बाद खाली पड़ा था। केंद्र सरकार द्वारा इस पद के लिए अनिल चौहान की नियुक्ति भी उत्तराखंड के लोगों के लिए गर्व की बात है। चौहान का पुश्तैनी आवास पौड़ी गढ़वाल में आता है। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह उत्तराखंड के लोगों के लिए गर्व की बात है.