1976 में इबोला संक्रमण की खोज करने वाले शोधकर्ता ने नए खतरनाक संक्रमणों की अस्पष्ट संख्या के प्रति आगाह किया है। इंसानियत के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं ये नए संक्रमण, इन्हीं में से एक है बीमारी ‘X’. दुनिया से अभी कोविड का खतरा टला भी नहीं है कि एक और बीमारी को लेकर WHO की परिकल्पना ने पूरी दुनिया का तनाव बढ़ा दिया है. वास्तव में, वह उन बीमारियों की सूची तैयार कर रहा है जो भविष्य में लोगों के पीछे जा सकती हैं, जिनमें से सबसे खतरनाक बीमारी एक्स है।
चीन में कोविड के बढ़ते मामलों ने न सिर्फ चीनी सरकार की चुनौतियां बढ़ा दी हैं, बल्कि दुनिया के दूसरे देशों को भी तनाव में डाल दिया है। कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए चीन ने कई शहरी इलाकों में जबरन लॉकडाउन कर दिया है।
इसी बीच वर्ल्ड वेलबीइंग एसोसिएशन (डब्ल्यूएचओ) की एक और रिपोर्ट ने लोगों में और भी घबराहट पैदा कर दी है। वास्तव में, वह उन बीमारियों की सूची तैयार कर रहा है जो भविष्य में लोगों के पीछे पड़ सकती हैं, जिनमें से सबसे dangerous disease X है।
कोविड का दूसरा झटका हाल ही में लगा था, तभी से इलनेस एक्स की चर्चा शुरू हो गई थी. साल 2021 में शोधकर्ताओं ने माना था कि भविष्य में होने वाली यह बीमारी इबोला से भी ज्यादा घातक हो सकती है। आपको बता दें कि आमतौर पर पश्चिम अफ्रीका में पाए जाने वाले इस वायरल बीमारी से पीड़ित लगभग 80% मरीज गुजर जाते हैं।
इबोला संक्रमण के खुलासे में अहम भूमिका निभाने वाले शोधकर्ता जीन जैक ने इलनेस एक्स को लेकर भी आगाह किया था। उनका मानना है कि सिकनेस एक्स का मतलब उस संक्रमण से है, जिसके बारे में किसी को कुछ नहीं पता। किससे निकलेगी, किस देश से शुरू होगी और कैसे खत्म होगी। एक्स का मतलब है जिसकी उम्मीद नहीं है।
कोविड से पहले इंफेक्शन एक्स की जांच हुई थी। शोधकर्ताओं ने इसके खतरों के बारे में भी बताया था। हालांकि उस वक्त क्राउन ने काफी देर तक तबाही मचाई थी। हालांकि चीन को छोड़कर हर जगह हालात का ख्याल रखा जाता है। लेकिन धीरे-धीरे इलनेस एक्स ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। हाल ही में कांगो के इंगेडे इलाके में तेज बुखार का मामला सामने आया था। उन्हें ब्लीडिंग की भी समस्या थी।
पहले तो स्थानीय डॉक्टरों ने माना कि उस व्यक्ति को इबोला है, लेकिन रिपोर्ट सामान्य आई। उसके बाद डॉक्टरों ने अंदाजा लगाया कि यह कोई और बीमारी है। धीरे-धीरे उसकी हालत बिगड़ती गई। डॉक्टरों का मानना है कि व्यक्ति को disease x नाम की बीमारी हो सकती है।
डब्ल्यूएचओ ने वर्तमान में सिकनेस एक्स को भविष्य की महामारियों की सूची में पहले स्थान पर रखा है। इसके जोखिम को देखते हुए दुनिया के 300 से ज्यादा शोधकर्ता 25 से ज्यादा वायरस और सूक्ष्म जीवों को इस कैटेगरी में रखेंगे, जिनकी जानकारी किसी के पास नहीं है। आपको बता दें कि संक्रमण से होने वाली बीमारियां ज्यादा खतरनाक हो सकती हैं, लेकिन सूक्ष्मजीव उससे कहीं ज्यादा खतरनाक हैं। पूरी दुनिया में वायरल बीमारियों से ज्यादा लोग बैक्टीरिया से मरते हैं।
मुयम्बे ने आगाह किया कि आने वाले समय में कई जूनोटिक बीमारियां, जो प्राणियों से लोगों में आई हैं, फैल सकती हैं। पीले बुखार, रेबीज, ब्रुसेलोसिस और लाइम बीमारी जैसी जूनोटिक बीमारियों को प्राणियों से लोगों तक पहुँचाया गया और कुछ देशों या दुनिया भर में विपत्तियाँ बन गईं। वहीं खतरनाक एचआईवी एक तरह के चिंपैंजी से निकला और फिर म्यूटेट होकर जानलेवा बन गया। SARS-CoV-2, SARS और MERS के साथ, सभी कोरोनविर्यूज़ हैं जो अचानक जानवरों से मनुष्यों में फैलने लगे।
दुनिया भर में बने विभिन्न टीकों को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी गई है और टीकाकरण रोलआउट की भी योजना बनाई जा रही है। लेकिन, इस अच्छी खबर के बावजूद, ऐसा लगता है कि दुनिया खतरनाक वायरस और बीमारियों के खतरे से कभी दूर नहीं होगी। भविष्य में क्राउन से भी ज्यादा खतरनाक बीमारी का खतरा है।
इबोला की खोज करने वाले शोधकर्ता ने यह चेतावनी दी है। इस घातक संक्रमण को “बीमारी एक्स” की अभिव्यक्ति दी गई है। नवीनतम रिपोर्टों के अनुसार, बहुत जल्द दुनिया इस विनाशकारी संक्रमण का खामियाजा भुगत सकती है।
यह घातक वायरस या “डिजीज एक्स” कोरोना से भी तेजी से फैलता है और इबोला वायरस जितना ही खतरनाक है। यह खुलासा 1976 में इबोला वायरस की खोज करने वाले वैज्ञानिक के अलावा किसी और ने नहीं किया है। वैज्ञानिक का नाम जीन-जैक्स मुयम्बे-तामफुम है। उनके अनुसार, सभी को सावधान रहना चाहिए, क्योंकि निकट भविष्य में और अधिक घातक बीमारियों की खोज होने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि ‘डिजीज एक्स’ काल्पनिक है, लेकिन घातक हो सकती है और दुनिया भर में कहर बरपाते हुए एक और महामारी का कारण बन सकती है। टैम्फम ने यह भी कहा कि अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावनों से नए और संभावित घातक वायरस उभर रहे हैं।
एक मरीज में रक्तस्रावी बुखार के शुरुआती लक्षण देखे गए। मरीज का इबोला के लिए परीक्षण किया गया है, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि यह ‘बीमारी एक्स’ का लक्षण हो सकता है। एक बार जब इस बीमारी के फैलने का खतरा बढ़ जाता है, तो यह कोविड महामारी से भी ज्यादा परेशानी दुनिया भर में पैदा कर सकती है। वैसे उस मरीज का इबोला टेस्ट भी नेगेटिव आया था और रिपोर्ट बताती है कि यह नया पैथोजन कोरोना (COVID-19) जितनी तेजी से फैल सकता है।